इश्क का सिलसिला लगातार चलने दो धीरे-धीरे और प्यार बढ़ने दो दूरियां हद से ज्यादा सताने लगी हैं मन बेकरार रहने लगा है हर वक्त साथ रहना चाहता हूं
मेरे धड़कनों में प्यार बनकर रहने लगी हो जिंदगी में खुशी बनकर उतरने लगी हो महसूस हो रहा है आजकल जैसे बिगड़ी मुकद्दर सुधरने लगी है
जब नजर मिलती है तुम्हारे इश्क के दीदार में डूब जाता हूं कुछ और याद नहीं रहता है धीरे धीरे प्यार का खुमार चढ़ता है मैं अपने सारे काम भूल जाता हूं
जिंदगी की कुछ ख्वाहिशें अधूरी है जिसे पूरा करना चाहता हूं यह सच है मुझे मोहब्बत हो गई है अपने दिल की हर बात कहना चाहता हूं
shayari |